Raghuvansh Mahakavya In Sanskrit Pdf Download
रघुवंशम -महाकवि कालिदास हिंदी PDF | RAGHUVANSAM BY KALIDAS PDF DOWNLOAD IN HIDN
पुस्तक / book : रघुवंशम
लेखक / author : महाकवि कालिदास
पुस्तक की भाषा / language : हिंदी
पृष्ठ / page : 394
PDF साइज / size : 5.1 MB
RAGHUVANSAM By Mahakavi Kalidas In Hindi PDF Download
Chhātrāvasthā se hī muze kālidās ke kāvyoan ke pārāyaṇ kā vyasan rahā hai। ab tak bhī rikta samaya ko kāṭane yā manoranjan ke lie upanyās ke sthān par maian prāyah kālidās kā koī kāvya paḍha़ā karatā hūan। jitanā hī adhik maianne kavi-samrāṭ ke kāvyoan kā anushīlan kiyā, utanā hī adhik unakā sauandarya aur gaurav mere man par aankit hotā gayā। kaī prāchīn sāhityālochakoan ne kālidās ke granthoan mean sabase utkṛuṣhṭa
Abhijnyānashākuntala' ko ṭhaharāyā hai। shākuntal mean lalit shabdoan aur komal bhāvanāoan kā aisā achchhā mishraṇ hai ki usakī upamā milanī kaṭhin hai। is dṛuṣhṭi se usakā sthān n keval kālidās ke granthoan mean yā sanskṛut ke vānmaya mean, apitu vishva ke sāhitya mean ūँchā mānā jāe to uchit hī hai। parantu do kāraṇoan se maianne 'raghuvansha' ko pahalā sthān diyā hai। pratham kāraṇ to yah hai ki yah mahākāvya hai.
RAGHUVANSHAM In Hindi PDF पुस्तक का विवरण :
छात्रावस्था से ही मुझे कालिदास के काव्यों के पारायण का व्यसन रहा है। अब तक भी रिक्त समय को काटने या मनोरंजन के लिए उपन्यास के स्थान पर मैं प्रायः कालिदास का कोई काव्य पढ़ा करता हूं। जितना ही अधिक मैंने कवि-सम्राट के काव्यों का अनुशीलन किया, उतना ही अधिक उनका सौंदर्य और गौरव मेरे मन पर अंकित होता गया। कई प्राचीन साहित्यालोचकों ने कालिदास के ग्रन्थों में सबसे उत्कृष्ट अभिज्ञानशाकुन्तल' को ठहराया है।
शाकुन्तल में ललित शब्दों और कोमल भावनाओं का ऐसा अच्छा मिश्रण है कि उसकी उपमा मिलनी कठिन है। इस दृष्टि से उसका स्थान न केवल कालिदास के ग्रन्थों में या संस्कृत के वाङ्मय में, अपितु विश्व के साहित्य में ऊँचा माना जाए तो उचित ही है। परन्तु दो कारणों से मैंने 'रघुवंश' को पहला स्थान दिया है। प्रथम कारण तो यह है कि यह महाकाव्य है।
उसमें वर्णनीय विषयों और रसों की इतनी विविधता है कि कवि को अपनी प्रतिभा के प्रकाशन का पूरा अवसर मिला है। दूसरा कारण यह है कि 'रघुवंश' में हम कालिदास के काल की अवस्था तथा भावना का विशद तथा उज्वल चित्र देखते हैं। यह ठीक है कि 'रघुवंश PDF ' महाकाव्य में सम्राट् रघु और उसके वंशजों में की कहानी चित्रित की गई है, परन्तु गम्भीर दृष्टि से पढ़नेवाला पाठक इस परिणाम पर पहुंचे बिना नहीं रह सकता कि उस चरित्रावाली की पृष्ठभूमि में महाकवि का समय विद्यमान है।
मैंने 'रघुवंश' के श्लोकों का शब्दानुवाद नहीं किया शब्दानुवाद से मैं कवि के आन्तरिक भाव को पाठकों तक नहीं पहुंचा सकता था। मैंने प्रयत्न किया है कि मैं कवि के आन्तरिक भावों को, सुबोध लोकभाषा में प्रतिबिम्बित कर दूं। फलतः यह 'रघुवंश' के उन्नीस सर्गों के प्रत्येक शब्द अथवा प्रत्येक श्लोक का भावानुवाद भी नहीं है। यह कहना अधिक संगत होगा कि यथासम्भव तथा यथाशक्ति कवि के भाव और कवि की कथन-शैली की रक्षा करते हुए, सम्राट् रघु के तेजस्वी चरित्र को चित्रित करने का प्रयत्न किया गया है।
देश भ्रमण का कवि को जो अवसर मिला, उसने अपनी निरीक्षण शक्ति और अद्भुत प्रतिभा के बल से उससे पूरा लाभ उठाया। सम्पूर्ण भारतखंड के भिन्न-भिन्न प्रदेशों और उनकी विशेषताओं से जितना परिचय कालिदास का था, उतना शायद ही किसी अन्य कवि का हो ।हिमालय की चोटियों, दक्षिण की नदियों और पूर्व तथा पश्चिम के वन-उपवनों का बहुत ही वास्तविक और विशेषतापूर्ण वर्णन महाकवि के काव्यों तथा नाटकों में मिलता है। उसे पढ़कर प्रतीत होता है कि कवि ने चिरकाल तक बहुत समीप से उन स्थानों को देखा है। सामान्य व्यक्ति चिर-निवास के बिना उतना निरीक्षण नहीं कर सकता।
* NOTIS - सूचना *
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Download original Raghuvansham book PDF written by Kalidasa - DOWNLOAD
Description of the book In English :
I have been addicted to the poetry of Kalidas since my childhood. Even till now, I often read a poem by Kalidasa instead of a novel to pass the free time or for entertainment. The more I perused the poet-emperor's poems, the more their beauty and glory became imprinted on my mind. Many ancient literary critics have considered Kalidasa's texts to be the most outstanding.Abhijnanashakuntala'.
Shakuntala has such a fine blend of fine words and soft feelings that it is difficult to find an analogy for him. From this point of view, his place is considered high not only in the texts of Kalidasa or in the literature of Sanskrit, but in the literature of the world, then it is appropriate. But for two reasons, I have given the first place to 'Raghuvansh'. The first reason is that it is epic.
Source: https://www.hindibookpdf.in/2021/08/raghuvansam-by-kalidas-pdf-download-in.html
Posted by: reubenrosentrancee012877.blogspot.com
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